नौतनवा, महाराजगंज।
आज पूरे कस्बे का माहौल बदला-बदला था। सुबह से ही गुरुद्वारे के आसपास लोगों की आवाजाही शुरू हो गई थी। गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व पर शोभायात्रा निकली, और सच बताऊं तो देखने लायक नज़ारा था।
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जैसे ही कीर्तन हुआ और ढोल-दमाऊ बजा, संगत ने “जो बोले सो निहाल, सत श्री अकाल” के जयकारे लगाए, पूरा माहौल गूंज उठा। बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं – सब इसमें जुड़े हुए थे।
सबसे आगे कुछ सिख श्रद्धालु सड़क साफ करते दिखे, झाड़ू लगाते हुए। उनके पीछे पंज प्यारे – केसरिया कपड़े, नीली पगड़ी और हाथ में तलवार लिए नंगे पांव चल रहे थे। लोग रास्ते में खड़े होकर सिर झुका रहे थे।
रथ पर गुरुग्रंथ साहिब की सुंदर झांकी सजाई गई थी। साथ ही स्वर्ण मंदिर, शहीद सिखों की झांकियां और बच्चों द्वारा बनाई गई छोटी-छोटी प्रस्तुति भी नजर आई। छोटे-छोटे बच्चे भांगड़ा करते, सबद गाते हुए यात्रा में शामिल थे।
गतका दल ने बीच-बीच में तलवारबाज़ी भी दिखाई, जिसे देखकर लोग रुक-रुककर वीडियो बना रहे थे। महिलाओं की टोली लगातार भजन और कीर्तन कर रही थी, दूर तक आवाज जा रही थी।
यात्रा नगर के मुख्य बाज़ार, गुरुद्वारे वाली सड़क और चौक से होकर वापस गुरुद्वारे पहुंची। वहां पहुंचकर सभी ने मत्था टेका, अरदास की और लंगर छककर दिन को सफल माना।
चेयरमैन बृजेश मणि त्रिपाठी भी मौजूद थे। सिख समाज से मंजीत सिंह, परमजीत सिंह बॉबी, मोहन सिंह, अमरिंदर सिंह, अनुप्रीत कौर और कई अन्य लोग भी देखे गए।
कुल मिलाकर माहौल बहुत शांत, भावुक और श्रद्धा से भरा रहा।


