गोरखपुर।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते सप्ताह गोरखपुर शहर के पहले सिक्सलेन फ्लाईओवर के निर्माण कार्य का निरीक्षण किया। यह फ्लाईओवर टीपीनगर चौक से पैडलेगंज तक बनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने साइट पर पहुंचकर काम की धीमी रफ्तार पर नाराज़गी जताई और अधिकारियों को स्पष्ट चेतावनी दी कि अब किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
उन्होंने कहा कि मानसून खत्म होने के बाद का समय निर्माण के लिए सबसे अनुकूल होता है, फिर भी काम उम्मीद के मुताबिक नहीं बढ़ा। सीएम योगी ने निर्देश दिया कि तकनीकी स्टाफ, मशीनें और संसाधन बढ़ाकर कार्य में तेजी लाई जाए ताकि प्रोजेक्ट तय समय में पूरा हो सके।
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करीब ₹429 करोड़ 49 लाख रुपये की लागत से तैयार हो रहा यह फ्लाईओवर गोरखपुर का अब तक का सबसे बड़ा बुनियादी ढांचा प्रोजेक्ट है। उत्तर प्रदेश सेतु निगम लिमिटेड द्वारा बन रहे इस फ्लाईओवर की लंबाई लगभग 2.6 किलोमीटर है और इसमें कुल 77 पिलर बनाए जा रहे हैं। अब तक लगभग 72% काम पूरा हो चुका है। मुख्यमंत्री ने पिलर संख्या 18-19 और 62-63 के पास रुककर स्थिति की जानकारी ली। सेतु निगम के अधिकारियों ने बताया कि 77 में से 55 पिलरों पर स्लैब डाले जा चुके हैं, बाकी पर जनवरी 2026 तक काम पूरा कर लिया जाएगा।
निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने सुरक्षा व्यवस्था पर भी खास जोर दिया। उन्होंने कहा कि पिलर पर काम करते समय मजदूरों और आम नागरिकों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। इसके साथ ही सर्विस रोड और फ्लाईओवर के नीचे की लाइटिंग और व्यवस्था बेहतर करने के निर्देश दिए।
सीएम योगी ने फ्लाईओवर के नीचे के खाली हिस्सों के सुंदरीकरण का भी प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि इन जगहों को अयोध्या की तर्ज पर आकर्षक बनाया जाए, ताकि शहर की सुंदरता बढ़े। साथ ही नालों पर जाली लगाने, उचित ढाल (स्लोप) बनाने और जलभराव रोकने के लिए ठोस व्यवस्था करने का आदेश दिया।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से सख्त लहजे में कहा कि फ्लाईओवर के नीचे दोनों ओर के ड्रेन और स्लैब का काम अधिकतम एक महीने में पूरा कर लिया जाए। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि अब देरी या गुणवत्ता से समझौता किसी भी हालत में स्वीकार नहीं होगा। तय समय पर काम पूरा न होने पर जिम्मेदारी तय कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।


